ये लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं, अग्नाशय कैंसर का हो सकता है खतरा

 ये लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं, अग्नाशय कैंसर का हो सकता है खतरा

सेहतराग टीम

आज के समय में कैंसर एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। इसलिए इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग सबको सचेत करता रहता है कि इसके लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। क्योंकि अगर इसका पता शुरुआती समय में दिखाई दे दे तो उसका इलाज हो सकता है अन्यथा मरीज की जान जा सकती है। वैसे कैंसर कई प्रकार के होते हैं और सभी जानलेवा है। उन्हीं में से एक है अग्नाशय कैंसर। ये आपके पेट के नीचे की ओर पीछे की तरफ में मौजूद होता है। यहीं नहीं ये आपके अग्नाशय के ऊतकों में ही शुरू होता है। दूसरे कैंसरों की तरह ही इस कैंसर में भी आपको शुरुआती दौर में इसे पहचान पाना काफी मुश्किल होता है। जब तक ये हमे दिखाई देता है या हम इसे समझने की कोशिश करते हैं तब तक ये एक गंभीर रूप ले लेता है। आइए विस्तार से इस कैंसर को समझने की कोशिश करते हैं।

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क्या है अग्नाशय कैंसर?  

अग्नाशय कैंसर आपके अग्न्याशय के टिश्यू के अंदर से शुरू होता है। अग्न्याशय  एंजाइम का उत्पादन करके पाचन में काफी अहम होता है जिसे शरीर को वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन को पचाने की जरूरत होती है। इसके साथ ही अग्न्याशय हमारे लिए दो जरूरी हार्मोन पैदा करता है जो ग्लूकागन और इंसुलिन है। ये दोनों हार्मोन ग्लूकोज चयापचय को नियंत्रित करने के लिए अहम होते हैं। इंसुलिन कोशिकाओं को ऊर्जा बनाने के लिए ग्लूकोज के चयापचय में मदद करता है और ग्लूकागन ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाने में हमारी मदद करता है। अग्न्याशय हमारे शरीर के एक ऐसी जगह पर होता है जिसके कारण अग्नाशय के कैंसर का पता लगाना काफी मुश्किल हो सकता है और अक्सर रोग के बढ़ने पर रोक लगाई जा सकती है और इसका इलाज आसानी से संभव है। 

अग्राशय कैंसर के कारण  

अगर हम बात करें कि अग्राशय के कैंसर का कारण क्या है तो आप कह सकते हैं कि इस कैंसर का कारण फिलहाल अज्ञात है। माना जाता है कि इस प्रकार का कैंसर तब होता है जब अग्न्याशय के अंदर असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं जिसके कारण ट्यूमर का निर्माण होता है। वहीं, डॉक्टर और शोधकर्ता यह नहीं जानते हैं कि कोशिकाओं में बदलाव का क्या कारण है, वे कुछ सामान्य कारकों को पहचानते हैं जिसके कारण कोशिकाओं में बदलाव देखा जाता है। 

अग्राशय कैंसर के लक्षण

  • भूख में कमी होना।
  • अनजाने में वजन कम होना।
  • पेट या पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस करना।
  • जी मिचलाना और उल्टी।
  • पेट में सूजन महसूस होना। 
  • पेट में लगातार भारीपन लगना।
  • पित्ताशय का बढ़ना।
  • कमजोरी।
  • खून के थक्के।
  • पीलिया और डिप्रेशन।

अग्राशय कैंसर से कैसे करें बचाव

धूम्रपान पूरी तरह त्याग दें: धूम्रपान अग्नाशय  के कैंसर ही नहीं बल्कि कई कैंसर का खतरा बढ़ाता है। जिसको तुरंत त्यागना बहुत जरूरी है, अगर आप अपने आपको कैंसरमुक्त चाहते हैं तो आपके लिए धूम्रपान को छोड़ना होगा। 

कम शराब का सेवन करें: ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करना आपके अग्राशय के कैंसर का कारण बन सकता है। इससे बचने के लिए आपको शराब का सेवन कम करना चाहिए या हो सके तो आपको शराब या अल्कोहल से दूरी ही बना लेनी चाहिए।

वजन ज्यादा न बढ़ने दें: अधिक वजन या मोटापा कई प्रकार के कैंसर के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है। इसके लिए आप नियमित रूप से एक्सरसाइज कर सकते हैं और हेल्दी डाइट की ओर अपना ध्यान लगाएं।

 

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